गोंडा | दिव्यांश कसौंधन
मनकापुर कोट में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक क्षण देखा गया, जब दिवंगत राजा आनंद सिंह की स्मृति में आयोजित भव्य श्रद्धांजलि सभा के दौरान सैकड़ों लोग अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई देने एकत्र हुए। कार्यक्रम में ब्राह्मणों ने वैदिक रीति-रिवाजों से हवन-पूजन और पाठ कर राजा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
राजनीतिक और सामाजिक जगत की हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि सभा में विभिन्न जिलों से आए सांसद, मंत्री, पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री, तथा बड़ी संख्या में स्थानीय समर्थकों ने भाग लिया। सभी ने राजा आनंद सिंह के जनसेवा और समाज के लिए किए गए अमूल्य कार्यों को याद करते हुए उन्हें नम आंखों से विदाई दी।
राजगद्दी संभालते वक्त छलके आंसू, कीर्तिवर्धन सिंह बने नए राजा
कार्यक्रम का सबसे भावुक क्षण तब आया जब केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और राजा आनंद सिंह के पुत्र कीर्तिवर्धन सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच राजगद्दी की जिम्मेदारी ग्रहण की।
पूर्व सांसद व वरिष्ठ संत स्वामी रामविलास दास वेदांती महाराज ने तिलक लगाकर उन्हें मनकापुर स्टेट का उत्तराधिकारी घोषित किया। गद्दी संभालते वक्त राजा भैया (कीर्तिवर्धन सिंह) की आंखें अपने पिता की याद में छलक पड़ीं।
वेदांती महाराज का संदेश – सेवा की विरासत आगे बढ़ेगी
“स्वामी राम विलास दास वेदांती महाराज ने कहा– राजा आनंद सिंह जनसेवा को समर्पित थे। अब उनका बेटा उसी सेवा भाव के साथ उनकी विरासत को आगे बढ़ाएगा।”
तेरहवीं पर लिया गया सामाजिक संकल्प: हर साल हजारों गरीब कन्याओं की शादी
श्रद्धांजलि सभा में यह भी ऐलान किया गया कि हर वर्ष हजारों निर्धन कन्याओं का विवाह मनकापुर राजपरिवार द्वारा कराया जाएगा। यह कार्य तेरहवीं संस्कार पर लिए गए संकल्प के अनुरूप किया जाएगा, जो दिवंगत राजा की जनकल्याण की भावना को आगे बढ़ाता है।
ब्रह्म भोज में शामिल हुए 121 गुरुकुल के बटुक
कार्यक्रम के अंत में गुरुकुल से आए 121 बटुक ब्राह्मणों को ब्रह्म भोज कराया गया। यह आयोजन वैदिक परंपरा और धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक रहा, जिसने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।