
लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक ऐसी क्रूर और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने रिश्तों की सारी हदें पार कर दीं। खंदारी बाजार चौकी क्षेत्र में एक महिला ने अपने ही 5 साल की मासूम बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी।
झूठ का ताना-बाना ऐसा बुना गया कि मासूम की मौत का दोष भी निर्दोष पिता पर डाल दिया गया। मगर पुलिस जांच में जो सच सामने आया, उसने सभी को स्तब्ध कर दिया।
ममता हुई शर्मसार: प्रेमी के लिए मासूम की बलि
पुलिस के मुताबिक, आरोपी महिला रोशनी खान, अपने पति शाहरुख खान से अलग रह रही थी और उदित जायसवाल नामक युवक के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी।
बीती रात शाहरुख अचानक घर पहुंचा, जिससे रोशनी और उसके बीच झगड़ा हो गया। इसी बहस के दौरान रोशनी ने अपनी मासूम बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी।
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झूठी कहानी बनाकर कंट्रोल रूम को दी सूचना
हत्या के बाद, रोशनी ने खुद पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल कर अपने पति पर हत्या का आरोप लगाया। उसने बताया कि शाहरुख ने गुस्से में आकर बच्ची की हत्या कर दी। पुलिस तुरंत कैंसर बाग थाने की टीम के साथ मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
लेकिन जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, पुलिस को महिला की कहानी में कई झोल नजर आए। मौके की परिस्थितियां, गवाहों के बयान, और महिला की उलझी बातों ने इस पूरे मामले को शक के घेरे में ला दिया।
साजिश का पर्दाफाश
तथ्यों की पड़ताल और पूछताछ के बाद सामने आया कि रोशनी ने जानबूझकर अपनी बेटी की हत्या की, ताकि पति को झूठे केस में फंसाया जा सके। यह भी सामने आया कि जब घटना हुई, तब प्रेमी उदित घर पर मौजूद नहीं था,
जबकि पति अचानक घर लौट आया था। पुलिस का मानना है कि प्रेमी से मिल पाने में आ रही बाधा और पति से चल रहे विवाद ने रोशनी को यह घिनौना कदम उठाने पर उकसाया।
डीसीपी वेस्ट लखनऊ, विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया:
“बच्ची का पोस्टमार्टम कराया गया है और जांच में साफ हुआ है कि हत्या में मां की ही संलिप्तता है। महिला रोशनी खान को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की जा रही है। यह मामला बेहद संवेदनशील और अमानवीय है।”
एक माँ बनी हत्यारिन: समाज को सोचने पर मजबूर करती कहानी
यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि विश्वास, ममता और रिश्तों की हत्या है। जहां एक मां को अपने बच्चे की सबसे बड़ी रक्षक माना जाता है, वहीं लखनऊ की यह घटना एक रक्षक के भक्षक बनने की वीभत्स मिसाल बन गई।
कठोर सजा की मांग
यह मामला अब सिर्फ आपराधिक नहीं बल्कि नैतिक और सामाजिक चेतना का मुद्दा बन चुका है। क्या प्रेम में पागलपन इतना बढ़ सकता है कि एक मां अपनी संतान की जान ले ले?
समाज के हर वर्ग से यह मांग उठ रही है कि इस अमानवीय कृत्य के लिए रोशनी खान को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि कोई और महिला इस हद तक न पहुंचे।