गोण्डा। मछली पकड़ने के लिए नदी में गये मछुआरों के जाल में पीले धातु की शेर पर सवार मां दुर्गा की मूर्ति फंस गई, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं।
नदी में बेशकीमती मूर्ति मिलना बड़ी घटना है। ग्रामीणों ने मूर्ति मिलने की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने मूर्ति को कब्जे में ले लिया है। बताया गया है कि आवश्यक लिखा पढ़ी करते हुए परीक्षण के लिए पुरातत्व विभाग को भेजी जायेगी।
विसुही नदी के सिंगार घाट पुल के नीचे नदी में मछुआरे मछली पकड़ने के लिए गये थे। राम लौटन निवासी हथियागढ़ द्वारा मछली की जाल फेंकने के बाद जाल में एक पीले रंग की अष्टधातु की मूर्ति मिली। ग्रामीणों ने मूर्ति मिलने की सूचना शनिवार को चौकी प्रभारी को दी। चौकी प्रभारी अरूण गौतम ने बताया कि राम लौटन हथियागढ़ विसुही नदी के सिंगार घाट के पुल पर जाल से मछली पकड़ने के लिए गया था। जाल में मूर्ति फंस गयी।
इसकी सूचना उसने पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने मूर्ति को अपने कब्जे में ले लिया और थाने ले आयी। प्रभारी निरीक्षक सतानन्द पांडेय ने बताया कि मूर्ति को थाने पर लाया गया है। मूर्ति किस धातु की बनी है, यह जांच का विषय है। परीक्षण कराया जा रहा है।
प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि सिंगार घाट के पुल के नीचे विसुही नदी में मिली शेर पर सवार मां दुर्गा की मूर्ति का वजन 6 किलो 750 ग्राम बताई जा रही है और लम्बाई करीब एक फिट से अधिक है। मूर्ति बेशकीमती है और अष्टधातु की हो सकती है।
मूर्ति किस धातु की यह परीक्षण के बाद ही पता चल पायेगा। नदी में मूर्ति कहां से आई। यह जांच का विषय है। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि सभी उच्च अधिकारियों को सूचना दी गई है।
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संपादक- A R Usmani ख़बर हिंदी
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