मिल्कीपुर-अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय अंतर्गत विगत 6 माह से वेतन न मिलने का रोना रो रहे कार्मिकों में वेतन भुगतान की आस एक बार फिर जग गई है। कार्मिकों के बकाया वेतन भुगतान के लिए वित्तीय वर्ष 2022 – 23 में पुनर्विनियोग के माध्यम से वेतन भुगतान किए जाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को 6 करोड़ रुपए प्राप्त हो गए हैं। हालांकि शासन की ओर से प्राप्त स्वीकृत धनराशि का उपयोग राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित पदों के सापेक्ष किए जाने के निर्देश उत्तर प्रदेश शासन के अनुसचिव अशोक कुमार सिंह की ओर से दे दिए गए हैं।
बताते चलें कि पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय में कार्यरत कार्मिकों को विगत 6 माह से वेतन के नाम पर एक फूटी कौड़ी भी नसीब नहीं हो सकी थी। पीड़ित कार्मिकों की उक्त समस्या को समाचार पत्रों ने प्रमुखता से उजागर किया तब जाकर विश्वविद्यालय प्रशासन सहित शासन में बैठे जिम्मेदार लोग नींद से जागे और अंततः उनके बकाया वेतन भुगतान हेतु 6 करोड़ रुपए विश्वविद्यालय प्रशासन को बकाया वेतन भुगतान के मद में प्राप्त हो गए हैं। इस आशय का पत्र उत्तर प्रदेश शासन के अनुसचिव अशोक कुमार सिंह ने जारी करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को आगाह किया गया है. कि आगामी प्रस्ताव के समय शासन द्वारा अनुदानित पदों पर कुल कितना व्ययभार अनुमानित है, वो भी विवरण उपलब्ध कराएं।
इसके साथ ही पुनर्विनियोग हेतु प्रस्तावित बचत की मदों में चालू वित्तीय वर्ष में धनराशि की मांग भी नहीं की जाएगी। इसके अलावा स्वीकृत धनराशि का आहरण एकमुश्त न करते हुए आवश्यकतानुसार किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
इस संबंध में विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक नीरज श्रीवास्तव का कहना है कि मेरे द्वारा पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय में कार्यरत 143 कार्मिकों के 6 माह के बकाया वेतन के संबंध में शासन से 12 करोड़ रुपए की मांग की गई थी किंतु मात्र 6 करोड़ ही प्राप्त हुए हैं। अब प्राप्त 6 करोड़ के सापेक्ष कार्मिकों के 4 से 5 माह तक के बकाया वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा।
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संपादक- ख़बर हिंदी