
Khabar Hindi Digital Desk: आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उनके नाम की औपचारिक घोषणा की और बताया कि सभी विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से उनके नाम पर सहमति जताई है। जस्टिस रेड्डी 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे।
विपक्ष का दांव
घोषणा के दौरान खरगे ने कहा, “बी. सुदर्शन रेड्डी देश के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उन्होंने अपने लंबे न्यायिक करियर में हमेशा गरीबों, वंचितों और संविधान की रक्षा के लिए साहसिक फैसले दिए। वे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के प्रबल समर्थक रहे हैं।”
तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओब्रायन ने पुष्टि की कि आम आदमी पार्टी (आप) भी रेड्डी का समर्थन कर रही है। विपक्ष का मानना है कि उनकी उम्मीदवारी से चुनाव में एक मजबूत और सैद्धांतिक लड़ाई होगी।
एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन मैदान में
इस चुनाव में जस्टिस रेड्डी का मुकाबला एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से होगा। राधाकृष्णन तमिलनाडु के अनुभवी भाजपा नेता और आरएसएस से जुड़े रहे हैं। नामांकन के बाद उन्होंने कहा कि वे सभी दलों से समर्थन की अपील करते हैं।
- Advertisement -
कौन हैं जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी?
- जन्म: 8 जुलाई 1946, अकुला मायलाराम गांव, आंध्र प्रदेश
- शिक्षा: उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से 1971 में कानून की डिग्री
- कैरियर:
- 1971 में वकालत की शुरुआत, वरिष्ठ अधिवक्ता के. प्रताप रेड्डी के चैंबर में कार्य
- 1988 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में सरकारी वकील नियुक्त
- 1995 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
- 2005 में गौहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश
- 2007 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त
- 2011 में सेवानिवृत्त
अपने न्यायिक कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई अहम फैसले दिए, जिनमें गरीबों और वंचितों के पक्ष में दिए गए निर्णय खास तौर पर याद किए जाते हैं।
चुनावी तस्वीर
उपराष्ट्रपति चुनाव अब सीधी टक्कर का रूप ले चुका है। एक तरफ एनडीए का अनुभव और संगठनात्मक शक्ति है, तो दूसरी ओर विपक्ष न्यायपालिका की एक मजबूत आवाज को सामने रख रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद के दोनों सदनों के सांसद किसे उपराष्ट्रपति पद की कुर्सी तक पहुंचाते हैं।