
उत्तराखंड में आई अचानक बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने और ग्लेशियर पिघलने से आई इस बाढ़ में अब तक पाँच लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पचास से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को प्रभावित इलाकों में भेजा गया है।
कई गाँव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिससे लोग बेघर हो गए हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने हालात पर नज़र बनाए हुए हैं और पीड़ितों के लिए मुआवज़े की घोषणा की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना जलवायु परिवर्तन का सीधा असर है और भविष्य में ऐसी घटनाएँ और बढ़ सकती हैं। स्थानीय लोग सरकार से बेहतर चेतावनी प्रणाली और मजबूत ढांचे की मांग कर रहे हैं।
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