उपजिल मजिस्ट्रेट न्यायालय और एसपी का भी आदेश नहीं मान रहे प्रभारी निरीक्षक
शाम पांच बजे तक थाने पर बैठकर बड़े साहब के जागने का इंतजार करता रहा बुजुर्ग
गोण्डा। योगीराज में जिले में एक ऐसा मनबढ़ इंस्पेक्टर है जिसे मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक जैसे आलाधिकारी का भी जरा सा खौफ नहीं है। बेलगामी का आलम यह है कि उपजिला मजिस्ट्रेट तथा एसपी के आदेश के बाद भी वह सोते रहे और दबंग विवादित व सरकारी जमीन पर निर्माण करते रहे। हद तो तब हो गई जब अधिकारियों के आदेश की प्रति लेकर बुजुर्ग थाने पर पहुंचा तो उसे डांटकर भगा दिया गया।
नवाबगंज पुलिस की कार्यशैली पर हमेशा से सवाल खड़े होते रहे हैं। विवादास्पद कार्रवाई के चलते नवाबगंज पुलिस के साथ-साथ पुलिस के आला अधिकारियों की भी किरकिरी होती रही है। पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर द्वारा नवाबगंज पुलिस की कार्यशैली और छवि को सुधारने के लिए बीते दिनों प्रभारी निरीक्षक राकेश सिंह का तबादला करते हुए इंस्पेक्टर अरुण कुमार द्विवेदी को नवाबगंज थाने की बागडोर सौंपी गई थी।
Gonda- सोती रही पुलिस होता रहा अवैध निर्माण! pic.twitter.com/ZjqiCiYcoB
— Khabar Hindi (ख़बर हिंदी) (@kkhabarhindi) January 4, 2023
हालांकि आमजन की उम्मीदों पर वह भी खरा नहीं उतर पाए। स्थिति यह है कि पीड़ितों की फरियाद नहीं सुनी जा रही है. जिससे उन्हें न्याय के लिए आला हाकिमों के दरवाजे पर दस्तक देनी पड़ रही है। लेकिन इसके बाद भी उन्हें इंसाफ नहीं मिल रहा है क्योंकि बेलगाम प्रभारी निरीक्षक को न तो पुलिस कप्तान का डर है और न ही उपजिला मजिस्ट्रेट का खौफ। ताज़ा मामला नवाबगंज थाना क्षेत्र के किशुनदासपुर गांव का है, जहां के रहने वाले राम अवध पुत्र राम हरख ने प्रभारी निरीक्षक पर गंभीर आरोप लगाया है।
राम अवध ने बताया कि उसके खेत और चकमार्ग की कुछ जमीन पर गांव के ही राम चंदर पुत्र रामसमुझ द्वारा अवैध निर्माण कराया जा रहा है। शनिवार को वह अपनी फरियाद लेकर स्थानीय थाने पर पहुंचा और अवैध निर्माण बंद कराने की गुहार लगायी। पीड़ित का आरोप है कि प्रभारी निरीक्षक ने कार्रवाई करने के बजाय उसे ही फटकार लगाते हुए जेल में डाल देने की धमकी दी और थाने से भगा दिया। इसके बाद पीड़ित ने उपजिला मजिस्ट्रेट तरबगंज शत्रुघ्न पाठक से मिलकर प्रार्थना पत्र दिया जिस पर न्यायालय उपजिलाधिकारी द्वारा प्रभारी निरीक्षक नवाबगंज को आदेश दिया गया कि उक्त भूमि की हदबरारी चल रही है.
जिसके निस्तारण तक अवैध निर्माण न होने दिया जाय और यथास्थिति बनाए रखी जाय। लेकिन उपजिलाधिकारी के आदेश को भी प्रभारी निरीक्षक ने कोई तव्वजो नहीं दी और अवैध निर्माण चलता रहा। निराश होकर पीड़ित ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगायी जिस पर उन्होंने न्यायालय उपजिलाधिकारी के आदेश का पालन करने का आदेश प्रभारी निरीक्षक को दिया। साथ ही फोन पर भी निर्देश दिये। पीड़ित लगभग तीन बजे नवाबगंज थाने पर पंहुचा तो प्रभारी निरीक्षक वहां नहीं दिखे। पीड़ित ने बताया कि थाने पर मौजूद सिपाहियों ने उसे बताया कि बड़े साहब सो रहे हैं।
लगभग 02 घंटे वह थाने पर बडे साहब के सोकर उठने का इंतजार करता रहा और दूूूसरी तरफ विवादित व सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण चलता रहा। पीड़ित ने बताया कि जब उसने आदेश प्रभारी निरीक्षक को दिया तो उन्होंने कहा कि आदेश में सुधार कराकर लाओ। मैं कोई कार्यवाही नहीं कर सकता। बताते चलें कि इस मामले में उपजिलाधिकारी द्वारा 21 दिसंबर 2022 को प्रभारी निरीक्षक और राजस्व निरीक्षक को टीम बनाकर पैमाइश कर चकमार्ग पृथक करने का आदेश भी दिया गया था। हल्का लेखपाल बलवंत गुप्ता ने बताया कि 18 दिसंबर 2022 को ही पुलिस टीम की मौजूदगी में पैमाइश हो चुकी है।
बेलगाम प्रभारी निरीक्षक न्यायालय उपजिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक का आदेश नहीं मान रहे हैं और राजस्व टीम आदेश के तीन दिन पहले ही पैमाइश कर देने की बात कह रही है, ऐसे में पीड़ित को न्याय मिलने की उम्मीद न के बराबर है।
इस संबंध में जब प्रभारी निरीक्षक अरूण कुमार द्विवेदी से बात करने का प्रयास किया गया तो कई बार फोन मिलाने पर भी कॉल रिसीव नहीं हुआ। वहीं हल्के के उपनिरीक्षक पवन गिरी ने भी कार्रवाई के नाम पर हाथ खड़े कर दिए। निराश और हताश होकर जब पीड़ित ने मंगलवार की शाम को दोबारा पुलिस अधीक्षक को फोन पर प्रभारी निरीक्षक के रवैये के बारे में बताया तो उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया लेकिन बुधवार को भी न्याय के लिए बुजुर्ग राम अवध दर-दर भटकता रहा।
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