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ग्रेटर नोएडा की एक सोसायटी में देखें के बाद लोगों में सट्टेबाजी हैं। एक हफ्ते में तीन बार और पिछले चौबीस घंटे में दो बार तेंदू देखा गया है। वन विभाग की मेरठ, आगरा और गाजियाबाद की 7 टीमें पीछली दो रातों से लागातार ऑपरेशन चला रही हैं। केज और ट्रैक्टर लेकर काम कर रहे हैं। दस्तावेजों के बचाव की पूरी तैयारी है। लेकिन पढ़ा नहीं जा रहा है। सैकड़ों परिवार के लोगों की दलाली की वजह से मिले हैं और उन्हें पकड़े जाने का इंतजार कर रहे हैं।
एक हफ्ते के अंदर तीन बार तेंदुआ दिखा रहे हैं
दरअसल, ग्रेटर नोएडा की अजनारा ली गार्डन सोसाइटी में डिटेल्स का विवरण है, क्योंकि एक हफ्ते में ये तीन बार और चौबीस घंटे में दो बार देखा गया है। लेकिन पकड़ा नहीं जा रहा। पहली बार इस दलाली को सोसायटी के अंदर 27 दिसंबर को देखा गया था, जब ये छिप कर बैठ गया था। लेकिन लोगों की आहट के बाद भाग गए। वहीं दूसरी बार मंगलवार को 3 जनवरी को तेंदुआ में एक इमारत से दूसरा मंदिर दिखाई दिया, जिसके बाद लोग कन्फर्म हो गए कि खतरा बड़ा है और फिर वन विभाग को सूचना दी गई।
‘ऑपरेशन तेंदुआ’ में कुत्तों की चल रही पार्टी
पांडाल को पकड़ने के लिए वन विभाग की 7 टीमें लगी हुई हैं। आगरा, मेरठ और गाजियाबाद से भी टीमों को बुलाया गया है और ऑपरेशन तेंदुआ जारी किया गया है। लेकिन निर्माण कार्य के एक हिस्से में छिपा हुआ तेंदुआ शहर के लिए तैयार नहीं है। तेदुआ अजनारा ली सोसाइटी के जीजी प्रोजेक्ट में छिपा हुआ है और उसे पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम लगी हुई है। लेकिन एक ओर जहां वन विभाग की टीम बचाव में लगी है और तंदुआ उनसे भाग ले रही है, तो वहीं इलाके के स्ट्रीट डॉग के लिए चिकन पार्टी चल रही है। झिल्लियों को फँसाने के लिए चिकन को स्ट्रीट डॉग खा रहे हैं, जिससे वन विभाग की टीम तेंदुआ पकड़ने में परेशानी हो रही है।
बकरे को खाना भी नहीं आ रहा है
वन विभाग की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है। बिल्डिंग में जगह-जगह लाइट्स और दी गई हैं। झूमर को फंसाने के लिए अब बकरा रख दिए जाते हैं, लेकिन तेंदुआ बकरे को बोलने की तरफ नहीं जाता है। दखल के लोगों में इस कदर है कि लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। तेंदुआ देखे जाने की खबर के बाद से इलाके के लोगों की मॉर्निंग वॉक भी बंद हो गई है।
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