लखनऊ | राज्य ब्यूरो :
उत्तर प्रदेश अब शराब, बीयर, वाइन और अल्कोहल उद्योग में भी बड़ी आर्थिक छलांग के लिए तैयार है। राजधानी लखनऊ में बुधवार को आयोजित एक निवेशक सम्मेलन में 15 कंपनियों ने राज्य सरकार के सामने 4320 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव रखे। इन प्रस्तावों के अनुसार, प्रदेश के 15 जिलों में एल्कोहल उत्पादों की फैक्ट्रियां स्थापित की जाएंगी।
योगी सरकार को मिला बड़ा निवेश भरोसा
आबकारी राज्य मंत्री नितिन अग्रवाल ने सम्मेलन में निवेशकों को भरोसा दिलाया कि प्रदेश में उन्हें हर संभव सुविधा दी जाएगी। उन्होंने कहा,
“उत्तर प्रदेश की एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना आबकारी विभाग की सक्रिय भूमिका के बिना अधूरा है।”
कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्प्रिट्स एंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISWAI) की रिपोर्ट भी जारी की गई, जिसमें बताया गया कि राज्य को 2023-24 में आबकारी से 56,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। यही नहीं, इस क्षेत्र ने 5.3 लाख से अधिक लोगों को रोजगार भी प्रदान किया।
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राज्य की नई आबकारी नीति पर विशेष फोकस
आबकारी विभाग की आगामी नीति (2025-26) में वाइनरी और माइक्रो-ब्रेवरीज की स्थापना पर विशेष जोर रहेगा। मंत्री ने बताया कि अब तक 142 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 135 प्रस्ताव 39,479 करोड़ रुपये के निवेश के लिए एमओयू के अंतर्गत हैं। इनमें से 19 यूनिट्स में काम शुरू हो चुका है, जिन पर 2339.6 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है।
ये जिले बनेंगे शराब और वाइन हब
राज्य के जिन 15 जिलों में इन फैक्ट्रियों की स्थापना प्रस्तावित है, उनमें शामिल हैं:
कंपनी का नाम | जिला | प्रस्तावित निवेश (₹ करोड़ में) |
---|---|---|
केयांस डिस्टलरी | गोरखपुर | 2265 |
सीआरआई फूड एंड बेवरेज | (जिला तय नहीं) | 300 |
शिवांश एलाइंस इंडस्ट्रीज | सीतापुर | 300 |
शिवांश एलाइड इंडिया प्रा. लि. | हरदोई | 250 |
बीएएस भारत | अलीगढ़ | 200 |
एलायंज इंडस्ट्रीज | मथुरा | 200 (प्लांट विस्तार) |
पुनीत शर्मा व रजत कुमार | मथुरा | 160 |
मेदुसा बेवरेज प्रा. लि. | उन्नाव | 160 |
मेयर एंड फ्रेसेर (सिक्किम) | जत्वी | 120 |
लखनऊ डिस्टलरी | लखनऊ | 100 |
देवंश ब्रेवरी एंड डिस्टलरी | (जिला तय नहीं) | 100 |
इंडियन वाइन ग्रोवर्स एसोसिएशन | कानपुर देहात | 50 |
एचजी ब्रेवर्स | लखनऊ | 50 |
द्वारिकेश शुगर इंडिया लि. | बिजनौर | 40 |
गाजियाबाद ऑर्गेनिक्स लि. | मेरठ (प्लांट विस्तार) | 25 |
अन्य विशेषज्ञों की राय
- ISWAI के सीईओ संजित पाधी ने कहा कि यूपी की आबकारी नीति अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन रही है।
- वाइन ग्रोवर्स एसोसिएशन के सचिव अश्विन रोड्रिग्स ने कहा कि वाइन के उत्पादन में यूपी की जलवायु बेहद अनुकूल है।
- एपीडा निदेशक डॉ. तरुण बजाज ने सुझाव दिया कि शराब और वाइन के निर्यात को लेकर अलग नीति तैयार की जानी चाहिए।
क्या है सरकार की मंशा?
सरकार का फोकस साफ है:
राजस्व में वृद्धि
रोजगार सृजन
पर्यटन और निर्यात में तेजी
स्थानीय स्तर पर वाइन और बीयर उद्योग को बढ़ावा
उत्तर प्रदेश अब सिर्फ खेती, उद्योग और इंफ्रास्ट्रक्चर तक सीमित नहीं रह गया है। अब एल्कोहल और वाइन इंडस्ट्री में भी यह देश का नई दिशा वाला हब बनने की ओर अग्रसर है।