
Khabar Hindi Digital Desk | Bahraich: उत्तर प्रदेश में आर्थिक अपराधों पर नकेल कसने के लिए आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) लगातार सक्रिय है। बुधवार को EOW ने बहराइच में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। यह मामला महाराज सुहेलदेव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बहराइच के निर्माण से जुड़ा है, जिसमें 17.51 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है।
कैसे हुआ घोटाला?
जांच के अनुसार, राजकीय निर्माण निगम के कुछ अधिकारी और कर्मचारी आपसी मिलीभगत से इस गबन में शामिल पाए गए। आरोप है कि इन लोगों ने भवन निर्माण सामग्री की खरीद दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए। वास्तविकता यह थी कि न तो कोई निर्माण सामग्री खरीदी गई और न ही उसे निर्माण स्थल पर पहुंचाया गया। इसके बावजूद, करोड़ों रुपये का भुगतान दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह रकम सीधे या परोक्ष रूप से संबंधित ठेकेदारों और अधिकारियों के खातों में पहुंचाई गई। इस मामले ने शासन का ध्यान खींचा, जिसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच EOW को सौंप दी गई।
किन लोगों की हुई गिरफ्तारी?
EOW ने जांच के बाद चार आरोपी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, मेराज अहमद, प्रांशु श्रीवास्तव और निजामुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है। सभी को लखनऊ से हिरासत में लिया गया। इनके खिलाफ आर्थिक अपराध से जुड़े विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। EOW के अधिकारियों का कहना है कि मामले में शामिल बाकी आरोपियों की तलाश जारी है और जल्द ही और गिरफ्तारी हो सकती है।
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मेडिकल कॉलेज का महत्व और घोटाले का असर
महाराज सुहेलदेव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बहराइच, पूर्वांचल के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य परियोजना है। इस मेडिकल कॉलेज के निर्माण से न केवल बहराइच बल्कि आसपास के जिलों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने की उम्मीद थी। लेकिन इस तरह के वित्तीय घोटाले से परियोजना की गति पर असर पड़ा और सरकारी धन की भारी हानि हुई।
छात्रवृत्ति घोटाले में भी EOW की कार्रवाई

EOW ने एक और कार्रवाई मेरठ में की। यहां मदरसा खदीज तुल कुबरा लिल बनात के प्रिंसिपल अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि उसने तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की मिलीभगत से अल्पसंख्यक प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति की रकम का गबन किया।
EOW की मेरठ सेक्टर टीम द्वारा की गई जांच में सामने आया कि 1 लाख 16 हजार रुपये की छात्रवृत्ति राशि छात्रों तक नहीं पहुंचाई गई, बल्कि हड़प ली गई। यह रकम सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की पढ़ाई में मदद के लिए दी जाती है।
EOW की बढ़ती सक्रियता
पिछले कुछ महीनों में EOW ने उत्तर प्रदेश में कई बड़े घोटालों का पर्दाफाश किया है। चाहे वह सरकारी योजनाओं में धन की हेराफेरी हो, ठेकेदारी में अनियमितता या छात्रवृत्ति जैसे संवेदनशील मामलों में भ्रष्टाचार — EOW की कार्रवाई से यह साफ है कि सरकार आर्थिक अपराधों के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है।
EOW अधिकारियों के मुताबिक, उनकी प्राथमिकता है कि सरकारी परियोजनाओं और योजनाओं में पारदर्शिता बनी रहे और जनता के पैसे का सही इस्तेमाल हो। बहराइच मेडिकल कॉलेज घोटाले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है। EOW यह भी जांच कर रही है कि गबन की रकम कहां-कहां ट्रांसफर हुई और इसमें और कौन-कौन शामिल था। वहीं, छात्रवृत्ति घोटाले में भी नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है ताकि इसमें शामिल अन्य लोगों पर भी कानूनी कार्रवाई हो सके।
सरकार ने साफ किया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में किसी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों न हो।