
पटना: विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार सरकार ने बुधवार को कई अहम फैसले लिए, जिन्हें राजनीतिक नजरिए से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कैबिनेट बैठक में लोकनायक जयप्रकाश नारायण आंदोलन के सेनानियों की पेंशन दोगुनी करने, राज्य के चार शहरों में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट निर्माण के लिए सर्वे कराने, गया एयरपोर्ट के विस्तार और पटना के पुनपुन पिंडदान स्थल पर लक्ष्मण झूला बनाने को मंजूरी दी गई। इसके अलावा अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर की रफ्तार तेज करने से जुड़े प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिली।
JP सेनानियों की पेंशन में बड़ा इजाफा
बिहार सरकार ने जेपी सेनानियों की पेंशन में 100 प्रतिशत वृद्धि का फैसला किया है। अब तक जिन सेनानियों को 7,500 रुपये प्रतिमाह मिलते थे, उन्हें अब 15,000 रुपये मिलेंगे, और जिनको 15,000 रुपये पेंशन दी जाती थी, उन्हें अब 30,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।
जेपी सेनानी वे लोग हैं, जिन्होंने 18 मार्च 1974 से 21 मार्च 1977 के बीच लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुए आंदोलन में भाग लिया और MISA/DIR कानून के तहत कम से कम एक महीने से लेकर छह महीने तक, या छह महीने से अधिक समय तक जेल में बंद रहे। ऐसे लोगों को राज्य सरकार पेंशन देती है।
जेपी सेनानी कौन?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम चुनावी रणनीति के तहत बुजुर्ग सेनानियों और उनके परिवारों को साधने का प्रयास है, क्योंकि इस वर्ग का ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव माना जाता है।
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चार शहरों में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट
कैबिनेट ने मुंगेर, मुजफ्फरपुर, सहरसा और भागलपुर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट निर्माण के लिए प्रारंभिक सर्वे को मंजूरी दी है। इसके लिए 2 करोड़ 90 लाख 91 हजार 720 रुपये की स्वीकृति दी गई है।
इस सर्वे में OLS (Obstacle Limitation Surfaces) की जांच होगी, जिससे तय किया जाएगा कि हवाई अड्डे के आसपास उड़ानों के लिए बाधाएं (जैसे ऊंची इमारतें, पेड़ आदि) तो नहीं हैं। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण से इन क्षेत्रों में व्यापार, पर्यटन और निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
गया एयरपोर्ट का विस्तारीकरण
कैबिनेट ने गया स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार योजना को भी मंजूरी दी। इसके तहत 18.2442 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। साथ ही कैट वन लाइट सिस्टम का निर्माण होगा, जिससे खराब मौसम और घने कोहरे में भी विमानों का संचालन संभव होगा।
गया एयरपोर्ट बौद्ध सर्किट के प्रमुख प्रवेश द्वारों में से एक है, जहां बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय पर्यटक, खासकर श्रीलंका, थाईलैंड, जापान और कोरिया से आते हैं। विस्तार से यहां की हवाई कनेक्टिविटी और पर्यटन दोनों में सुधार होगा।
पटना के पुनपुन पिंडदान स्थल पर लक्ष्मण झूला
कैबिनेट ने पटना जिले के पुनपुन पिंडदान स्थल पर लक्ष्मण झूला शैली का सस्पेंशन पुल बनाने का फैसला किया है। इसके निर्माण पर 82 करोड़ 90 लाख 48 हजार रुपये खर्च होंगे। यह पुल न केवल धार्मिक पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा, बल्कि स्थानीय आवागमन भी सुगम करेगा।
पुनपुन पिंडदान स्थल गंगा तट पर स्थित है और पितृपक्ष में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पिंडदान करने आते हैं। पुल बनने से स्थल की सुविधाएं और भी बेहतर होंगी।
अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर
बैठक में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर (AKIC) परियोजना की रफ्तार तेज करने पर भी चर्चा हुई। यह परियोजना बिहार के औद्योगिक विकास में अहम मानी जा रही है, क्योंकि इसके तहत राज्य में नई इंडस्ट्रियल टाउनशिप, लॉजिस्टिक्स हब और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित होंगी।
चुनावी माहौल में लोकलुभावन फैसले
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इन फैसलों का समय बहुत मायने रखता है। विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ऐसे कदम उठा रही है, जो सीधे तौर पर अलग-अलग वर्गों और क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं।
- पेंशन में इजाफा से वरिष्ठ नागरिकों और ग्रामीण इलाकों में राजनीतिक समर्थन बढ़ने की उम्मीद है।
- एयरपोर्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से विकास का संदेश जाएगा।
- धार्मिक स्थल पर लक्ष्मण झूला से सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं को बल मिलेगा।
सरकार के अनुसार, ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के सर्वे पूरे होने के बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार होगी। गया एयरपोर्ट विस्तार और लक्ष्मण झूला निर्माण के टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
सरकार का दावा है कि इन परियोजनाओं से रोजगार के अवसर, क्षेत्रीय विकास और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।