प्रधान प्रतिनिधि समेत चार के खिलाफ केस दर्ज, आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही मोतीगंज पुलिस
सांसद के करीबी पर जानलेवा हमला
गोण्डा। मोतीगंज क्षेत्र थाना के इमलिया गांव से शनिवार की देर शाम दावत खाकर बाइक से घर लौट रहे भाजपा जिला कार्यसमिति सदस्य व गोण्डा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी पर लाठी व हाॅकी से जानलेवा हमला कर दिया गया। इतना ही नहीं, आरोप है कि गंभीर रूप से लहूलुहान करने के बाद उन पर फायर भी झोंक दिया गया।
हालांकि वह बाल-बाल बच गए। घायल भाजपा नेता को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। इस घटना के संबंध में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि समेत चार लोगों के खिलाफ जानलेवा हमला समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया गया है।
लाठी व हाॅकी से जानलेवा हमला- घायल
मोतीगंज थाना क्षेत्र के तरगांव निवासी त्रिवेणी दूबे भाजपा जिला कार्यसमिति सदस्य हैं। वह गोण्डा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया के बेहद करीबी माने जाते हैं। त्रिवेणी की पत्नी अनीता दूबे ने पुलिस को तहरीर दी है जिसमें बताया है कि उनके पति शनिवार की शाम बाइक से क्षेत्र के इमलिया गांव में निमंत्रण में गए थे। वहां से लौटते समय मोतीगंज क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भमैचा के पास कुछ लोगों ने जबरन उन्हें रोक लिया और लाठी व हाॅकी से जानलेवा हमला करके गंभीर रूप से घायल कर दिया।
आरोप है कि तरगांव के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मस्तराम तिवारी ने त्रिवेणी पर तमंचे से फायर झोंक दिया, लेकिन वह बाल-बाल बच गए। गोली चलने की आवाज सुनकर गांव के लोग दौड़े तो हमलावर धमकी देते हुए भाग गए। त्रिवेणी को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। उधर हमले के आरोपी ग्राम प्रधान प्रतिनिधि तरगांव मस्तराम तिवारी का कहना है कि वह घटना के समय बाहर गए थे। उन्हें चुनावी रंजिश में फंसाया गया है। आरोप निराधार हैं।
विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज
घटना के संबंध में त्रिवेणी की पत्नी अनीता दूबे द्वारा दी गई तहरीर पर मस्तराम तिवारी उर्फ भरतराम, दीपक, विवेक व अयोध्या के खिलाफ जानलेवा हमला समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है लेकिन आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी करने में मोतीगंज पुलिस पूरी तरह नाकाम है।
सूत्रों का कहना है कि जहां त्रिवेणी गोण्डा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह के करीबी हैं, वहीं मस्तराम तिवारी की गिनती कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबियों में होती है। यही वजह है कि पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बाद साइलेंट मोड पर है, क्योंकि पैरवी दोनों तरफ से मजबूत है।