23 जून 2024 को, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में एक भयावह आतंकी हमले ने देश को हिलाकर रख दिया। इस हमले में 20 से अधिक निर्दोष लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए। यह हमला कश्मीर घाटी में शांति स्थापित करने की दिशा में चल रहे प्रयासों पर एक गहरा आघात था और इसने एक बार फिर आतंकवाद की बढ़ती चुनौती को उजागर किया।
हमले की घटनाक्रम
हमला शाम के समय हुआ, जब पहलगाम के एक व्यस्त बाजार में भारी संख्या में पर्यटक और स्थानीय लोग मौजूद थे। आतंकवादियों ने अचानक ग्रेनेड फेंके और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
हमलावरों ने भीड़ में घुसकर लोगों को निशाना बनाया, जिससे तुरंत ही माहौल में भगदड़ मच गई। सुरक्षा बलों ने तुरंत मौके पर पहुँचकर जवाबी कार्रवाई शुरू की, लेकिन तब तक कई लोगों की जान जा चुकी थी।
हमले की जिम्मेदारी किसके सिर
प्रारंभिक जाँच के अनुसार, इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) को बताया जा रहा है। यह संगठन पाकिस्तान स्थित आतंकी गुटों में से एक है, जिसका उद्देश्य कश्मीर में अस्थिरता फैलाना और भारत सरकार के खिलाफ हिंसक गतिविधियों को अंजाम देना है।
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पीड़ितों की स्थिति
इस हमले में अधिकतर पीड़ित पर्यटक और स्थानीय दुकानदार थे। कई परिवारों के सदस्य इस हमले में मारे गए, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहाँ कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
सरकार और सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया
हमले के बाद, केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तुरंत बैठक करके स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए कड़े कदम उठाए। सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र में छापेमारी शुरू कर दी और संदिग्ध आतंकवादियों की तलाश जारी की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को “देश के खिलाफ कायरतापूर्ण हमला” बताते हुए आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के इलाज के लिए पूरी सहायता का आश्वासन दिया।
कश्मीर में आतंकवाद की बढ़ती चुनौती
यह हमला एक बार फिर साबित करता है कि कश्मीर में आतंकवाद अभी भी एक बड़ी समस्या है। पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई के बावजूद, आतंकी संगठन नए तरीकों से हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इस हमले से स्पष्ट है कि पाकिस्तान की ओर से समर्थित आतंकी गुट अभी भी सक्रिय हैं और निर्दोष नागरिकों को निशाना बना रहे हैं।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस हमले की निंदा पूरे देश में हुई है। विभिन्न राजनीतिक दलों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई और सरकार से सख्त कार्रवाई की माँग की। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई देशों ने इस हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता जताई।
पहलगाम का यह आतंकी हमला न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि पूरे भारत के लिए एक दुखद घटना है। यह हमला याद दिलाता है कि आतंकवाद से लड़ने के लिए सतर्कता और कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। सरकार और सुरक्षा बलों को आतंकवाद के खिलाफ और अधिक मजबूत रणनीति बनाने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।
इस त्रासदी में जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, पूरा देश उनके साथ खड़ा है। हमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा और शांति व सद्भाव के लिए प्रयास करना होगा।