गोण्डा। सोमवार को भारतीय रेड क्रास सोसायटी की श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज यूनिट, गोण्डा में चल रहे प्राथमिक उपचार पर आधारित वार्षिक प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन सेण्ट जॉन एम्बूलेन्स बिग्रेड के कोर आफिसर आशीष शर्मा ने प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण प्रदान किया।
उन्होंने सर्वप्रथम शरीर संरचना तथा रक्त संचरण के विषय में समझाते हुए बताया कि इनका ज्ञान प्राथमिक चिकित्सा करने के लिए अनिवार्य है।
इसके पश्चात कृत्रिम श्वसन, मरीज का परिवहन तथा घाव का प्राथमिक उपचार जैसे विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। मरीज के परिवहन का प्रशिक्षण देते हुए प्रशिक्षक आशीष शर्मा ने इसकी अनेक विधियों यथा अकेले होने पर मरीज को पीठ पर लाद कर ले जाना, गोद में ले जाना या स्वयं को बैसाखी की तरह बनाकर मरीज को ले जाना, दो सहायक होने पर हाथों को सीट बनाकर, एक व्यक्ति आगे और दूसरा व्यक्ति पीछे रहकर या कुर्सी का प्रयोग करके, अधिक सहायक होने पर हाथों की खाट बनाकर या स्कार्फ की सहायता से अथवा शर्ट का स्ट्रेचर बनाकर मरीज के परिवहन का प्रदर्शन किया।
जलने के विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन करते हुए उस स्थिति में प्राथमिक उपचार देने के बारे में भी बताया गया। कृत्रिम श्वसन का प्रशिक्षण भी दिया गया। इसमें किसी व्यक्ति की धड़कन या सांस रूक जाने पर सीपीआर विधि द्वारा बेहोश व्यक्ति को सांसें दी जाती हैं.
जिससे फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है और सांस वापस आने तक या दिल की धड़कन सामान्य होने तक छाती को विशेष प्रकार से दबाया जाता है जिससे शरीर में पहले से मौजूद ऑक्सीजन वाला रक्त संचारित होता रहता है। लेकिन इसका प्रयोग केवल प्राथमिक चिकित्सा में प्रशिक्षित व्यक्ति ही कर सकता है। मनोसामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा के बारे में भी बताया गया।
रेड क्रास प्रभारी प्रोफेसर राजीव कुमार अग्रवाल ने बताया कि भारत में प्राथमिक चिकित्सा के अभाव में अनेक व्यक्ति असमय काल के मुंह में समा जाते हैं। उन्होंने इस बात की आवश्यकता महसूस करते हुए बताया कि प्रत्येक नागरिक को प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है।
शिविर के संचालन में पूर्व प्राचार्य प्रो0 वन्दना सारस्वत, प्रोफेसर वीसी एच एनके श्रीनिवासन राव, डॉ वन्दना भारतीय, विवेक प्रताप सिंह एवं पूर्व स्वयंसेवकों, संदीप कुमार मिश्र, अभिजीत यश भारती, पूनम और सौरभ कुरील आदि का सक्रिय सहयोग रहा।
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