
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया, लेकिन कार्रवाई शुरू होने से पहले ही विपक्षी दलों ने हंगामा कर दिया। समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने कानून व्यवस्था, महंगाई, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं सहित विभिन्न मुद्दों पर जोरदार नारेबाजी की। सपा सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर विधानमंडल परिसर में जुटे और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
इसी बीच, यूपी सरकार के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि यह सत्र ऐतिहासिक होने वाला है। उन्होंने बताया, “इस सत्र में विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश के विजन डाक्यूमेंट पर विशेष चर्चा होगी।” मानसून सत्र 14 अगस्त तक चलेगा और इसकी सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि 13 अगस्त सुबह 11 बजे से 14 अगस्त सुबह 11 बजे तक लगातार 24 घंटे चर्चा होगी। चर्चा समाप्त होने के बाद 14 अगस्त को दोपहर 2 बजे विधानसभा की कार्यवाही खत्म हो जाएगी।
सत्र के दौरान विपक्षी दल सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दे उठाने की तैयारी में हैं, वहीं सत्ता पक्ष भी जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। सपा ने 24 घंटे चर्चा के इस कार्यक्रम का विरोध दर्ज कराया है।
फतेहपुर में मकबरे को लेकर विवाद गहराया
उधर, यूपी के फतेहपुर में आबूनगर स्थित मकबरे को मंदिर बताने का विवाद तेज हो गया है। रविवार को भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने सोमवार सुबह मकबरे में पूजा और आरती करने की अपील की, जिसके बाद प्रशासन अलर्ट हो गया। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए रविवार शाम को मकबरे के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गई और पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
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गौरतलब है कि गुरुवार को आबूनगर रेडइया स्थित मकबरा स्थल को ठाकुरद्वारा मंदिर बताते हुए उसके सुंदरीकरण, नवीनीकरण और विस्तारीकरण की मांग को लेकर मठ मंदिर संरक्षण समिति ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन देने वालों में बड़ी संख्या में भाजपा नेता भी शामिल थे।