आसमां का एक तारा जब जमीं पर आया होगा,
खुदा ने अपना रंग कुछ यूं बनाया होगा।
रहने तुम सा एक कीमती कोहिनूर,
खुद के सृष्टि पर वह बहुत इतराया होगा।
भेजकर तुमको इस धरती पर
उसने भी शायद आंसू बहाया होगा,
आ गए जब तुम हमारे बीच
तो उसने खुद को भी अकेला पाया।
यहां तो सबके होठों की मुस्कान बने तुम
हम सबके दिल के मेहमान बने तुम।
संगत और तत्काल नादान बने तुम
पर हम सबके सिर के ताज बने तुम।
और फिर वह शमां सुहाना
मुबारक हो तुमको जन्मदिन।
समुद्र की तरह दिल कितना गहरा हो जाता है
उसके बारे में ठीक वही कहता है।
गोण्डा जिले की राजनीति के चाणक्य थे पंडित सिंह
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संपादक- A R Usmani ख़बर हिंदी