गोण्डा। शिक्षण संस्थाओं में आयोजित होने वाले सेमिनारो में छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए गए शोध पत्रों से उनमें छिपी प्रतिभा का निखार होता है। उक्त बातें लाल बहादुर शास्त्री पीजी कॉलेज, गोण्डा में भौतिकी विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए प्रबंध समिति की उपाध्यक्ष वर्षा सिंह ने कही।
कार्यक्रम में कीनोट पर्सन के रूप में रसायन विभागाध्यक्ष डॉ. पुष्यमित्र मिश्र ने “टू सकसीड फॉल फॉरवर्ड” विषय पर मोटिवेशनल व्याख्यान देते हुए कहा कि असफलता से हतोत्साहित नहीं होना चाहिए, बल्कि सफलता मिलने तक सतत प्रयास व अभ्यास करते रहना चाहिए। प्रबंध समिति के सचिव उमेश शाह ने भौतिकी विभाग के सेमिनार को एक सफल आयोजन बताते हुए कहा कि भौतिक विज्ञान के सिद्धांतों से जीवन को सरल, सुगम, सुलभ, सुरक्षित एवं सटीक बनाया जा सकता है।
शोध केंद्र प्रभारी प्रोफेसर शैलेंद्र नाथ मिश्र ने शोध के महत्व पर प्रकाश डालते हुए छात्र-छात्राओं को शोध पद्धति के बारे में जानकारी दी। पूर्व मुख्य नियंता प्रोफेसर ओंकार पाठक ने जुगाड़ की तकनीकी में भौतिक विज्ञान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह विषय कठिन कार्य को सरल बनाता है। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जितेंद्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सीमित संसाधनों में यदि लगन से कार्य किया जाए तो एक सफल सेमिनार का आयोजन किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इस सेमिनार में कुल 58 छात्र-छात्राओं ने विभिन्न विषयों पर अपने लघु शोध प्रबंध प्रस्तुत किए, जिसमें शालिनी देवी, महिमा पाठक, हर्षा गुप्ता, मुस्कान गुप्ता, निहारिका भारतीय, प्रिया सिंह, मनोज कुमार, मोहन भास्कर, अमर सिंह ने फाइबर ऑप्टिक, लिक्विड ड्रॉप मॉडल, सैटलाइट कम्युनिकेशन, सेंसर आदि महत्वपूर्ण विषयों पर उत्कृष्ट प्रस्तुतिकरण किए।
धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार श्रीवास्तव ने इस तरह के सेमिनार की उपादेयता पर प्रकाश डाला। संचालन मारिया नसीम व वैष्णवी शुक्ला ने किया। इस मौके पर कॉलेज के आइक्यूएसी प्रभारी प्रो. आरएस सिंह, प्रो. वीपी सिंह, प्रो. एसएस शुक्ला, डॉ. मनीष शर्मा, डॉ. रवि ओझा, डॉ. पुनीत कुमार, डॉ. वंदना भारतीय, डॉ. मनोज मिश्रा, डॉ. डीएन पाण्डेय, डॉ. अवनीश मिश्रा, अनुराधा गुप्ता, डॉ. अंकित मौर्या, स्मृति, प्रियंका, संजय वर्मा, डॉ. शैलजा, डॉ. स्मिता, अमित शुक्ला, डॉ. घनश्याम द्विवेदी, विनय पांडेय, राघवेंद्र मिश्रा, डॉ. अशोक पांडेय, विजय सिंह, शरद पाठक बबलू, आशीष चौधरी, सुखदेव, रामबचन, आकाश, रामरूप आदि मौजूद थे।