राजनीतिक दल नहीं रखता कोई मायने, राजा भैया के आशीर्वाद से नैया होती है पार
गोण्डा। जिले की मनकापुर नगर पंचायत के प्रत्याशियों का भविष्य राजघराने की ‘कृपा’ तय करती है। यहां जिस राजनीतिक दल में ‘राजा साहब’ रहते हैं, उस दल से चेयरमैन पद के उम्मीदवार का टिकट उनकी सहमति पर ही फाइनल होता है क्योंकि यहां प्रत्याशी या पार्टी नहीं बल्कि मनकापुर राजघराना चुनाव लड़ता है और उसी के नाम पर नगर के मतदाता वोटिंग करते हैं। अब तक हुए निकाय चुनाव इसका प्रमाण हैं। यहां जो भी अध्यक्ष बना उसे राजघराने का आशीर्वाद प्राप्त रहा।
जिले के मनकापुर को वर्ष 1995 में नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त हुआ। पहली बार संपन्न हुए चुनाव में राजघराने से डॉ विनय सिंह निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। लेकिन डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में ही उनका आकस्मिक निधन हो गया। इस दौरान हुए चुनाव में राजघराने के समर्थन पर रामकृपाल सोनी अध्यक्ष चुने गए। वर्ष 2001 में संपन्न हुए चुनाव में रामादेवी अध्यक्ष निर्वाचित हुईं। इस चुनाव में भी कई प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे थे लेकिन उन्हें बहुत कम मत पाकर ही संतोष करना पड़ा।
वर्ष 2007 के चुनाव में राजघराने के बेहद करीबी माने जाने वाले प्रदीप गुप्ता नगर पंचायत के अध्यक्ष चुने गए। वर्ष 2012 के चुनाव में एक बार फिर से राजघराने से कुंवर विक्रम सिंह निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। वहीं वर्ष 2017 के चुनाव में प्रदीप गुप्ता दूसरी बार अध्यक्ष चुने गए जो अभी तक अध्यक्ष पद पर आसीन हैं। वर्ष 2023 में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर संभावित उम्मीदवारों द्वारा ताल ठोंकी जा रही है। मौजूदा चेयरमैन के साथ ही कई अन्य लोग भी हैं जो मनकापुर राजघराने का आशीर्वाद प्राप्त करने में लगे हुए हैं लेकिन फिलहाल अभी तस्वीर साफ नहीं हो रही है।
मनकापुर राजघराने के करीबी माने जाने वाले सभासद वैभव सिंह भी इस बार चेयरमैन बनने की हसरत पाल रखे हैं लेकिन राजघराने के आशीर्वाद के बगैर वह मैदान में नहीं उतरा सकते हैं क्योंकि बगैर राजघराने की ‘कृपा’ के जीत की कल्पना भी नहीं की जा सकती। दरअसल, नगर पंचायत मनकापुर में सांसद गोण्डा कुंवर कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया का घर है जिस वजह से यहां का चुनाव ज्यादा सुर्खियों में रहता है। चेेेयरमैके साथ ही सभासदों के चुनाव में भी राजघराने का दखल और दबदबा रहता है। वैसे तो आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के बाद नगर निकाय चुनावों पर असमंंज की स्थिति है और माना जा रहा है कि चुनाव लम्बा टल सकता है.
लेकिन इसके बाद भी चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशी मैदान में डटे हुए हैं। हालांकि अभी तक किसी भी प्रत्याशी को राजनीतिक पार्टियों द्वारा घोषित रूप से समर्थन नहीं दिया गया है। फिर भी भाजपा को छोड़कर अन्य दलों के संभावित प्रत्याशी जनता के बीच में अपना प्रचार अभियान शुरू किए हुए हैं। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष राम कृपाल सोनी उर्फ राहुल का दावा है कि वे आगामी निकाय चुनाव दमखम से लड़ेंगे। वह बताते हैं कि उन्हें सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से चुनाव मैदान में उतारने के लिए आश्वासन मिला है। वहीं मौजूदा चेयरमैन प्रदीप गुप्ता अपनी दावेदारी को पक्का मान रहे हैं। हालांकि अभी लोग आरक्षण को लेकर आशंकित हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आरक्षण तय होने के बाद प्रत्याशियों की तस्वीर बदल सकती है।
मनकापुर नगर पंचायत प्रोफाइल
मनकापुर शहर को 10 वार्डों में बांटा गया है, जिसके लिए हर 5 साल में चुनाव होते हैं। जनगणना 2011 द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार मनकापुर नगर पंचायत की जनसंख्या 9,461 है, जिसमें 4,977 पुरुष हैं जबकि 4,484 महिलाएं हैं। 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों की जनसंख्या 1165 है जो मनकापुर नगर की कुल जनसंख्या का 12.31 प्रतिशत है। मनकापुर नगर पंचायत में महिला लिंग अनुपात 912 के राज्य औसत के मुकाबले 901 है। इसके अलावा मनकापुर में बाल लिंग अनुपात उत्तर प्रदेश राज्य के औसत 902 की तुलना में लगभग 932 है। यहां की साक्षरता दर राज्य के औसत 67.68 प्रतिशत से 84.56 प्रतिशत अधिक है। पुरुष साक्षरता लगभग 89.62 प्रतिशत है जबकि महिला साक्षरता दर 78.91 फीसदी है।
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संपादक- ख़बर हिंदी